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ठंड में ठिठुरते फ्लोरा मैक्स की महिलाएं अनशन पर, बैंक के कर्मचारियों पर प्रताड़ना का आरोप।

फ्लोर मैक्स कंपनी में ठगी का शिकार हुए महिलाएं बीते दो दिनों से कोरबा आईटीआई चौक में अंनशन कर रहे हैं महिलाओं की माने तो पहले उन्हें फ्लोर मैक्स में ठगी का शिकार होना पड़ा उसके बाद बैंक वाले नियम के विपरीत उनके घरों में बैठ रहे हैं और किसी भी कीमत पर पैसा पटाने की बात कर रहे हैं।

ठंड में ठिठुरते फ्लोरा मैक्स की महिलाएं अनशन पर, बैंक के कर्मचारियों पर प्रताड़ना का आरोप।

 

रायगढ़ संवाददाता – रमेश चौहान 

 

छत्तीसगढ़

  • फ्लोर मैक्स कंपनी में ठगी का शिकार हुए महिलाएं बीते दो दिनों से कोरबा आईटीआई चौक में अंनशन कर रहे हैं महिलाओं की माने तो पहले उन्हें फ्लोर मैक्स में ठगी का शिकार होना पड़ा उसके बाद बैंक वाले नियम के विपरीत उनके घरों में बैठ रहे हैं और किसी भी कीमत पर पैसा पटाने की बात कर रहे हैं।

कुछ महिलाओं ने बताया बैंक के कर्मचारी उनके घर पहुंचकर पैसा नहीं पटाने की स्थिति में उन्हें भ्रमित करते हुए राशन कार्ड काटने सहित आपके बच्चों को रोजगार नहीं मिलने जैसे बातों से धमका रहे है ।

 एक महिला के अनुसार आरोप है कि बैंक कर्मी उन्हें पैसा पटाने को लेकर दबाव डालते हुए कहा यदि लोन की माफी चाहते हो तो मर जाओ आपके मरने के बाद लोन माफ हो जाएगा ।

आरबीआई के नियम अनुसार बैंक कर्मी किसी भी खाताधारक को उनके घर जाकर धमक नहीं सकते बावजूद इस तरह के स्थिति पर तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है कहीं बैंक कर्मियों के मनमानी के कारण किसी तरह की अपनी घटना ना घटे।

फ्लोर मैक्स में ठगी महिलाओं का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है उनकी मांगे हैं कि उनके लोन को माफ किया जाए हालांकि जानकारों की माने तो बैंक वालों को नियम विपरीत वसूली नहीं करनी चाहिए उनके इस तरह के कृत्य से महिलाएं प्रताड़ित हो रही है और मानसिक रूप से परेशान भी हो रही है। बैंक कर्मियों को चाहिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए विधिवत लोन की वसूली की जाए।

कड़ाके की ठंड में महिलाओं के द्वारा किए जा रहे हैं आंदोलन का आज तीसरा दिन है उनके इस आंदोलन और आक्रोश से बैंक कर्मियों के कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है। वहीं दूसरी और ठंड में भूख हड़ताल करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने की खबर है।

इस विरोध को लेकर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि महिलाओं को उनके मानसिक प्रताड़ना के साथ-साथ उन्हें हर संभव कानूनी मदद पहुँचाया जा सके।

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